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पंख ही काफ़ी नहीं हैं आसमानों के लिए,
हौसला भी चाहिए ऊंची उड़ानों के लिए।
अपनी जिंदगी में आपने ऐसी ढ़ेरों दास्तानें सुनी होंगी जिनका प्रभाव आपके चरित्र पर जरूर पड़ा होगा. यही नहीं, आप ऐसी ही दास्तानों से प्रेरित होकर जीवन की हर कठिनाइयों से निजात भी पाते आए होंगे. लेकिन आज हम आपको जो कहानी बताने जा रहे हैं वह उन घटनाओं से बहुत अलग हैं जिन्हें अब तक आप सुनते आए हैं.
यह कहानी एक महिला की है जो ऑस्ट्रेलिया के एक शहर में रहती हैं. टुरिया पिट नाम की यह महिला पार्ट टाइम मॉडल हुआ करती थीं, अन्य खूबसूरत महिलाओं की तरह इनके भी बड़े-बड़े सपने थे. टुरिया एक इंजीनियर भी हैं जिन्हें वर्ष 2007 में हुई एक प्रतियोगिता में मिस अर्थ ऑस्ट्रेलिया के खिताब से भी नवाजा जा चुका है.
टुरिया पिट के जीवन में सबकुछ अच्छा चल रहा था, वह अपने पार्टनर मिशेल हॉस्किन के साथ खुशी–खुशी अपनी जिंदगी बिता रही थी कि अचानक एक घटना ने उनकी पूरी जिंदगी को ही बदल ड़ाला. तीन साल पहले, वर्ष 2011 में पश्चिम ऑस्ट्रेलिया के किंबरली में मैराथन दौड़ में भाग लेते समय अचानक टुरिया पिट घने जंगलों के बीचों बीच फंस गईं, जंगल में आग कब लग गई टुरिया को पता नहीं चला. 26 साल की टुरिया पिट जंगल की भयंकर आग से 64 फीसदी तक जल चुकी थीं.
अपनी भूख मिटाने के लिए वह किसी को भी निगल सकता है, सावधान!
लगभग पूरा शरीर जलने के बावजूद भी टुरिया पिट जिंदा रहीं लेकिन इस बीच उसे 864 दिन अस्पताल में बिताने पड़े. करीब 100 सर्जरी के बाद जब टुरिया पिट अस्पताल से बाहर आईं तो उन्होंने अपने दाएं हाथ की लगभग सारी अंगुलियों को खो दिया था, चेहरा बिलकुल खराब हो चुका था और पैर भी सही सलामत नहीं थे.
इतना सब हो जाने के बाद किसी इंसान के लिए जिंदगी बिताना बहुत ज्यादा कठिन हो जाता है लेकिन टुरिया पिट के साथ ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने अपनी इस कमजोरी को हौसला बनाया और उन करोड़ों लोगों के लिए, खासकर महिलाओं के लिए, मिसाल बनीं जो इस तरह की घटना के बाद टूट जाती हैं.
इंसान को हैवान बनते देर नहीं लगती
शरीर के कई अंग खोने के बावजूद भी टुरिया पिट ने अपनी टीम के साथ मिलकर करीब 95 किलोमीटर तक ग्रेट वाल ऑफ चाइना की पैदल यात्रा की और अपनी चैरिटी के लिए 2 लाख डॉलर भी जुटाए. उनकी यह चैरिटी विभिन्न देशों में आग से झुलसे मरीजों की सर्जरी में सहायता करती है.
टुरिया पिट के इसी हौसले को देखते हुए ‘ऑस्ट्रेलिया वीमेन वीकली’ ने इस महीने अपनी मैगजीन के कवर पेज पर स्थान देकर उन्हें बहुत बड़ा सम्मान दिया है. जिसे पाकर टुरिया गदगद हैं. मैगजीन के कवर पेज पर टुरिया की फोटो देखकर यही लगता है कि इतना सब हो जाने के बाद भी टुरिया के चेहरे पर थोड़ी भी शिकन नहीं है. वह आज भी आत्मविश्वास से ओतप्रोत है.
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