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4 मई, 1979 दुनिया के इतिहास में बदलाव का दिन था, जानिए क्या हुआ था उस दिन

स्त्री दर्पण
स्त्री दर्पण
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1959 में पहली बार पार्लियामेंट सदस्य के रूप में जब वह चुनी गईं तो 605 सदस्यों के हाउस में अकेली महिला थीं. 1979 में ब्रिटेन की राजनीति के लिए उस वक्त का सबसे बड़ा आश्चर्य थीं जब वह कंजरवेटिव पार्टी की लीडर बनीं. 1979 में उससे भी बडा आश्चर्य कि वह ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं और फिर ब्रिटेन के इतिहास में सबसे लम्बे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाली राजनीतिज्ञ बन लगातार 3 जनरल इलेक्शन जीते.


science graduate Margaret Thatcher
सबसे लम्बे समय तक ब्रिटेन की प्रधानमत्री रहीं मारग्रेट थैचर अपने समय में साइंस से ग्रेजुएट हुई अकेली प्रधानमंत्री थीं.


उस महिला के निधन पर डेविड कैमरून का वक्तव्य था,मिसेस थैचर उस वक्त पॉलिटिक्स में आईं जब महिलाओं के लिए पार्लियामेंट मेंबर बनना एक सपने की तरह था, कोई महिला कंजरवेटिव पार्टी को लीड करेगी यह सोचना भी संभव नहीं था और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद पर किसी महिला का होना असंभव बात थी पर मारग्रेट ने तीनों ही असंभव को संभव कर दिखाया.


4 मई, 1979 यूके के इतिहास में बदलाव का दिन था. बदलाव था एक आयरन लेडी के आने का. पहली बार यूके ने एक महिला प्रधानमंत्री को अपनी प्रशासनिक बागडोर सौंपी. यूके पार्लियामेंट में पहली महिला सदस्य और विपक्ष की पहली महिला नेता थीं मार्गरेट हिल्डा थैचर. थैचर अपने प्रधानमंत्री काल में साहसिक फैसले लेने के लिए मशहूर थीं. उनके फैसलों की साहसिकता इसी से समझी जा सकती है कि मारग्रेट ने जितनी भी पॉलिसीज लागू करवाईं वे सब थैचेरिज्म के नाम से जाने जाते हैं. एक सोवियत जर्नलिस्ट ने पहली बार उन्हें ‘आयरन लेडी’ कहकर संबोधित किया था और तब से वह यूनाइटेड किंगडम की ‘आयरन लेडी’ बन गईं.

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The Iron Lady



दबाने वालों के बीच एक दबंग महिला

जब वह पार्लियामेंट में आईं तो उन्हें कोई बोलने नहीं देता था. फिर भी वह अपनी बात कहकर ही दम लेती थीं. महिला सदस्य होने के कारण कोई उनके वक्तव्यों, सुझावों को महत्व नहीं देता था पर वह अपनी बात पर डटी रहती थीं. 1970 में वह कंजरवेटिव पार्टी की सरकार बनने पर प्रधानमंत्री और कंजरवेटिव पार्टी के लीडर एडवर्ड हीथ के कैबिनेट में एजुकेशन सेक्रेटरी रहीं लेकिन वही कंजरवेटिव पार्टी जब 1974 के चुनाव में हारी तो मिसेस थैचर ही उनकी लीडरशिप को चुनौती देने में ज़रा भी नहीं हिचकीं. वह हीथ के खिलाफ पार्टी की लीडरशिप के लिए लड़ीं और जीतीं. जो राजनीतिज्ञ उन्हें बोलने नहीं देते थे वही उनके प्रभाव में काम करने को राजी थे. उनकी भाषण शैली कमाल की थी. बोलते और निर्णय लेते हुए लोगों की परवाह नहीं करने वाली एक दबंग महिला के रूप में वह जानी जाने लगीं. 1982 के फाकलैंड युद्ध के लिए विपक्ष, यहां तक कि कैबिनेट सदस्य भी युद्ध के लिए राजी नहीं थे. जीत की संभावनाएं नहीं के बराबर बताई जा रही थीं पर मारग्रेट थैचर ने फिर भी युद्ध के लिए सेना भेजी और ब्रिटेन आश्चर्यजनक रूप से यह युद्ध जीत गया.


Empowered Woman of world



ब्रिटेन में कभी महिलाओं को राजनीति में आने से बाहर रखा जाता था. पुरुष राजनीतिज्ञों का महिलाओं के लिए ऐसा ही मत था. उनके अनुसार महिलाएं मानसिक रूप से बेहद कमजोर और भावुक होती हैं और राजनीति करना उनके वश की बात नहीं. पार्लियामेंट में बोलते हुए लोग उन पर हंसते थे पर वह फिर भी हार नहीं मानती थीं. 1966 में कंजर्वेटिव पार्टी के लीडर को हराकर वह पहली महिला विपक्ष नेता बनीं. यूनाइटेड किंगडम में तब प्रशासनिक स्तर पर महिलाओं की इतनी सशक्त भागीदारी नहीं होती थी. मारग्रेट थैचर ने महिलाओं के लिए कमजोर प्रशासनिक क्षमताओं की धारणाओं को पूरी तरह गलत साबित कर दिया. एक नेता के लिए बेहद जरूरी मारग्रेट की भाषण शैली और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता बेहद प्रभावशाली थी.

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iron lady of uk



मारग्रेट रॉबर्ट थैचर जो बाद में बेसिमोर थैचर कहलाईं ब्रिटेन में महिलाओं को राजनीतिक आधिकार और सम्मान दिलाने में किसी करिश्माई व्यक्तित्व की तरह थीं. ब्रिटेन की संसद से लेकर, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक हर जगह मारग्रेट थैचर अपने दबंग निर्णयों के लिए जानी गईं. उनके प्रधानमंत्री बनने के समय ब्रिटेन इंफ्लैशन से जूझ रहा था. मारग्रेट ने इसके लिए कई काम किए, दशा सुधरी पर बेरोजगारी बढ़ने लगी. महिला के नाम मारग्रेट के इन निर्णयों और उसके प्रभावों के लिए राजनीतिक खींचतान में किसी का भी आत्मविश्वास कम हो सकता है पर मारग्रेट थैचर में यह कमी नहीं थी. उन्होंने इसे कभी माना नहीं और आखिरकार इसे सुधार सकने में भी सफल रहीं.


मारग्रेट थैचर एक साधारण परिवार से सम्बन्ध रखती थीं. उनके पिता एक ग्रॉसरी शॉप चलाते थे पर स्थानीय राजनीति में भी उनकी कुछ भागीदारी थी. पिता के लिए मेयर पद के लिए प्रचार का काम करते हुए राजनीति में दिलचस्पी पैदा हुई. राजनीति में अगर कोई उनका पहला गुरु था तो वह उनके पिता ही थे जिनसे इस विषय पर वह अक्सर चर्चा करती थीं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप पर केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन करने से पहले वह इसके लिए ठुकरा दी गयी थीं. आखिरकार वेटिंग लिस्ट में नाम क्लीयर होने के बाद मारग्रेट ने वहीं से ग्रेजुएशन किया. बाद में लॉ की पढाई की और बिजनेसमैन पति डेनिस थैचर से शादी के बाद पॉलिटिक्स में आने का सपना पूरा किया.


the longest serving British prime minister in UK


……………..


1918 में मार्क्विज हाउस ऑफ कॉमन के लिए चुनी गयी पहली महिला थीं. मारग्रेट थैचर के पार्लियामेंट में आने तक इसमें महिलाओं की भागीदारी मात्र 4 प्रतिशत थी. 1987 के जनरल इलेक्शन में पहली बार महिलाओं की यह भागीदारी बढ़नी शुरू हुई. तीसरी बार सत्ता में आने के बाद मारग्रेट ने इस पर भी काम किया और 1992 तक यह 9 प्रतिशत और 1997 तक इससे दोगुना होकर 18 प्रतिशत हो गयी. 1929 में मारग्रेट बोनाफाइड कैबिनेट में आने वाली पहली महिला थीं, 41 साल बाद मारग्रेट थैचर इस जगह पहुंची मात्र पांचवीं महिला थीं. ब्रिटिश पार्लियामेंट या कहें कि वास्तविक रूप से ब्रिटिश राजनीति में महिलाओं को बड़ी भागीदारी में लाने में मारग्रेट थैचर की बड़ी भूमिका थी.


Margret Thatcher



अपने प्रधानमंत्री काल में वह अकेली साइंस ग्रैजुएट प्रधानमंत्री थीं. थैचर अपने स्कूल में पढाई के साथ एक्स्ट्रा एक्टिविटीज में अव्वल मानी जाती थीं. पियानो बजाना, हॉकी खेलना, स्वीमिंग, घूमना, कविताएँ पढ़ना जिसका पहला शौक हो वह देश की राजनीति में इतना बड़ा बदलाव ला सकती है ऐसा किसी ने सोचा भी न होगा पर मारग्रेट ने कर दिखाया. जो कहते हैं विपरीत परिस्थितियों से ही कोई आगे बढ़ता है मारग्रेट ने उसे सही साबित कर दिखाया. जो कहते हैं महिलाएं मानसिक रूप से कमजोर और भावुक होने के कारण प्रशासनिक और बड़े निर्णय लेने वाली जिम्मेदारियां नहीं उठा सकतीं मारग्रेट ने उसे गलत साबित कर दिखाया. खासकर महिलाओं और न केवल ब्रिटेन बल्कि पूरे विश्व की महिलाओं के लिए मारग्रेट का पूरा जीवन एक मिसाल है कि अगर वे चाहें तो तमाम मुश्किलों को पार कर भी आगे बढ़ सकती हैं पर हौसला होना चाहिए.


कानून यहां बस एक खिलौना बनकर रह जाता है

जहर पीकर बदली जिंदगी….

एक महिला जिसने महिलाओं के वजूद को नया रास्ता दिखाया

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